ईरान के जाने माने अहले सुन्नत आलिमेदीन और मजलिसे ख़ुबरग़ान रहबरी अर्थात सुप्रीम लीडर को चुनने वाली काउंसिल में प्रतिनिधि मौलवी नज़ीर अहमद सलामी नें कहा है कि आतंकवादी संगठनों, मुख्य रूप से दाइश का असली उद्देश्य ज़ायोनी सरकार की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। उन्होंने इरना से बातचीत करते हुए सीरिया व इराक़ में दाइश आतंकवादी संगठन की कार्यवाहियों का उद्देश्य ज़ायोनी सरकार की सुरक्षा सुनिश्चित करना बताया है। उन्होंने कहा कि ईरान में इस्लामी रिपब्लिक सिस्टम की तरफ़ से पिछले पैंतीस सालों के दौरान ज़ायोनी सरकार को हमेशा अवैध सरकार के रूप में पेश किया जाता रहा है। उन्होंने इलाक़े में पैदा होने वाली इस्लामी जागरुकता की तरफ़ भी इशारा किया और ज़ोर देकर कहा कि इस जागरुकता से मुसलमानों में इस्लामी सिस्टम का रुझान बढ़ता जा रहा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अपने वहशियाना अपराधों पर परदा डालने के लिये कुछ चरमपंथी संगठन अहले सुन्नत मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा के बहाने हर तरह के वहशियाना अपराध कर रहे हैं।
25 जून 2014 - 19:03
समाचार कोड: 619048

ईरान के जाने माने अहले सुन्नत आलिमेदीन और मजलिसे ख़ुबरग़ान रहबरी अर्थात सुप्रीम लीडर को चुनने वाली काउंसिल में प्रतिनिधि मौलवी नज़ीर अहमद सलामी नें कहा है कि आतंकवादी संगठनों, मुख्य रूप से दाइश का असली उद्देश्य ज़ायोनी सरकार की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।